जंगल के बीच एक परफेक्ट हॉलिडे

पन्ना नेशनल पार्क तेन्दु लीफ जंगल रिसोर्ट सस्टेनेबल टूरिज्म और रेस्पोंसिबल टूरिज्म जागता उदहारण प्रस्तुत करता है. इसकी लोकेशन बड़ी शानदार है. छतरपुर की चाँद नगर तहसील के तोरिया गांव में केन नदी के किनारे जंगल में बना ये रिसोर्ट सीमेंट और प्लास्टिक से दूर है. इसे बनाने में प्रयागराज से लाई गई हज़ारों क्यूबिक टन लकड़ी का प्रयोग किया गया है. इस लकड़ी को रीसायकल करके उपयोग में लाया गया है. यहाँ जंगल के बीचों बीच हज़ारों की तादाद में पेड़ लगा कर इसे वन की शक्ल दी गई है. इस रिसोर्ट की बिजली की अधिकतम ज़रूरतें सोलर से पूरी की जाती हैं. यहाँ दो तरह की कॉटेज हैं एक पूरी तरह से लकड़ी की बनी हैं और दूसरी को चूने मिट्टी और पत्थर से बनाया गया है. रिसोर्ट के भीतर आवाजाही के लिए ई रिक्शा का प्रबंध किया गया है.

रिसोर्ट दिव्यांगों के ज़रूरतों के हिसाब से भी बनाया गया है. आप कॉटेज तक बड़े आराम से व्हीलचेयर ले जा सकते हैं.
इस रिसोर्ट में रहते हुए आप वर्ड क्लास एमेनिटीज तो उठा ही सकते हैं साथ फिशिंग और साइकिलिंग मज़ा ले सकते हैं. इस सबसे सुन्दर स्थान है केन नदी साथ बना ऊँचा डेक. विशाल शिप के डेक का अनुभव करवाता है. रात स्थान जुगनुओं से भरा होता है.


यहाँ रह कर देसी विदेशी खानों का आनंद ले सकता है. यहाँ पर आर्डर करने पर सफारी करवाई जाती है. रिसोर्ट के पास अपनी विंटेज जीपों का एक बड़ा संग्रह मौजूद है. फॅमिली हॉलिडे के लिए ये स्थान एकदम परफेक्ट है।

ये जगह जंगल के इतना नज़दीक है कि लगता है जैसे आप जंगल के बीच ही रह रहे हैं. यहाँ टीवी नहीं है कमरों में. इनका इरादा है कि जब आप यहाँ आएं तो प्रकृति का लुत्फ़ उठाएं। बारिशों में भीगती हुई पत्तियों को गर्म चाय के साथ निहारें। रात के नील उजाले में जुगनुओं को पकड़ने दौड़ें और अनुभव करे हर उस क़ीमती सौग़ात का जो प्रकृति ने हमें बे मोल ही दे दी है.

सस्टेनेबल टूरिज्म को प्रोमोट करने वाला ये रिसोर्ट अपने आसपास की कम्युनिटी के लोगों को ही रोज़गार उपलब्ध करवाता है. यहाँ काम करने वाले 80% लोग आसपास के गांवों से ही आते हैं. मध्य प्रदेश केरल के बाद सस्टेनेबल टूरिज्म को धरातल पर प्रोमोट करने वाला दूसरा अग्रणी राज्य है. हाल ही में इस राज्य को 3 पुरस्कार भी मिले हैं.

 

 

बने रहिए मेरे साथ,

ऐसी ही अद्भुत जगहों से रूबरू होने के लिए.

तब तक खुश रखिए और खूब घूमिए

आपकी हमनवां

डा कायनात क़ाज़ी

 

 

 

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