Saras Mela -2021

वैसे तो नोएडा अपने चमचमाते मॉल कल्चर के लिए प्रसिद्ध है इस आधुनिक शहर में परंपराओं के लिए भी एक होना निर्धारित किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सेक्टर 33a में नोएडा हाट नाम से एक बहुत ही आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित स्थान हस्तशिल्प और कला को समर्पित करके दिल्ली हाट की तर्ज़ पर बनाया है। इस बार का सरस आजीविका मेला इसी हाट में लगा।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर)  द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2021 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। 26 फरवरी से 14 मार्च 2021 तक चलने वाले इस उत्सव में नोएडा के नोएडा हाट में 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, 60 से ज्यादा सांस्कृतिक कार्यक्रम और आजीविका इंडिया फूड कोर्ट के तहत क्षेत्रिय कुजीन उपलब्ध रहेंगे।
सरस आजीविका मेला 2021 में कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन जो हेंडलूम, साड़ी और ड्रेस मेटिरियल में विभिन्न राज्यों से हैं वो इस प्रकार हैं – आंध्रप्रदेश से कलमकारी, आसाम का मेखला चादर, बिहार से कॉटन और शिल्क, छत्तीसगढ़ से कोसा साड़ी, गुजरात से भारत गुंथन एंड पैच वर्क, झारखंड से तसर शिल्क एंड कॉटन और साथ ही दुपट्टा और ड्रेस मेटिरियल, चंदेरी और बाग प्रिंट मध्यप्रदेश से, मेघालय से इरी प्रोडक्ट्स, ओडिसा से तसर और बांदा, तमिलनाडु से कांचीपुरम, तेलंगाना से पोस्चिपुरम, उत्तराखंड से पश्मिना, कथा, बातिक प्रिंट, तांत और बालुचरी पश्चिम बंगाल से रहेंगे।


इसके साथ ही हेंडीक्राफ्ट, ज्वेलरी और होम डेकोर के प्रोडक्ट्स के रूप में आंध्रप्रदेश का पर्ल ज्वेलरी, आसाम का वाटर हायजिनिथ हेंडबैग और योगा मैट, बिहार से लाह की चूड़ी , मधुबनी पेंटिंग और सिक्की क्राफ्ट्स, छत्तीसगढ़ से बेल मेटल प्रोडक्ट्स, मड मिरर वर्क और डोरी वर्क गुजरात से, हरियाणा का टेराकोटा, झारखंड का ट्राइबल ज्वेलरी, कर्नाटका का चन्ननपटना खिलौना, सबाई ग्रास प्रोडक्टस, पटचित्र आन पाल्म लीव ओडिशा , तेलंगाना से लेदर बैग, वाल हैंगिंग और लैंप सेड्स, उत्तर प्रदेश से होम डेकोर, और पश्चिम बंगाल से डोकरा क्राप्ट, सितलपट्टी और डायवर्सीफाइड प्रोडक्ट्स की प्रदर्शनी लगाई गई है ।
इसके साथ ही प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी फूड स्टाल पर मौजूद हैं, प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप में अदरक, चाय, दाल कॉफी, पापड़, एपल जैम और अचार आदि उपलब्ध हैं। साथ ही मेला मे बच्चों के मनोरंजन का भी पुख्ता इंतजाम किया गया है। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी लोग भरपूर आनंद उठा पाएंगे।
वहीं, मेला में प्रवेश करने के लिए कोविड-19 के प्रोटोकॉल का भी पूरा ध्यान रखा गया है। इसके तहत मेला में प्रवेश करने वालों के लिए फेस मास्क बिल्कुल अनिवार्य रहेगा साथ ही सोसल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही जगह जगह सेनिटाइजेशन का भी इंतजाम किया जाएगा। वहीं, आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस का भी व्यवस्था किया गया है।

सरस मेले के दौरान तीन कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा-
सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के 27 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री होगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह एक मुहिम की शुरुआत की गई है जिससे कि हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को कोरोना के बाद एक बार फिर से अपनी रोजगारी शुरु करने का मौका मिल सके।
इसके साथ ही इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया अभियान “वोकल फॉर लोकल” को बढ़ावा मिल सके।
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Workshop- ई मार्केटिंग व सोशल मीडिया के माध्यम से उत्पादों का प्रचार प्रसार

सरस मेले में देश के 27 राज्यों से लगभग 300 महिला शिल्प कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करने आती हैं। जब भी मैं उन से मिलती हूं तो उनकी कला के आगे नतमस्तक हो जाती हूं। देश के कोने कोने से आई यह महिला उद्यमी सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण की मिसाल है।  उनके सफर में, इनके संघर्ष में मैंने एक बहुत ही छोटी सी भूमिका अपने लिए चुनी हुई है। उनके हुनर में तो मैं कोई योगदान नहीं दे सकती लेकिन उस हुनर को देश और दुनिया के सामने लाने में सोशल मीडिया की क्या भूमिका हो सकती है इस पर व्याख्यान जरूर दे सकती हूं। इसलिए हर बार इन महिलाओं के बीच पहुंच जाती हूं किसी एक विषय पर वर्कशॉप करने।

इस बार वर्कशॉप का विषय है – ई मार्केटिंग व सोशल मीडिया के माध्यम से उत्पादों का प्रचार प्रसार।
रहता है कि इस प्रकार की स्किल डेवलपमेंट वर्कशाप के माध्यम से इन महिलाओं के साथ ज्यादा से ज्यादा जानकारियां साझा करूं जिससे यह अपने व्यवसाय में दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करें।

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