Dinosaur fossil park raiyoli Balasinor Balasinor Gujarat

डायनासोर के ऐतिहासिक जीवाश्म की छिपी हुई कहानी सुनाता है गुजरात का नया डायनासोर इंफॉर्मेटिक्स सेंटर और म्यूजियम

गुजरात केवल अपनी समृद्ध सभ्यता-संस्कृति, कला, शिल्प, मेलों, त्योहारों और मुंह में पानी लाने वाली डिशेज के लिए ही मशहूर नहीं है। इस राज्य के अतीत में कई रहस्यात्मक पहलू भी छिपे हुए हैं। कई लोगों को यह पता भी नहीं होगा कि गुजरात ऐतिहासिक रूप से अतीत में डायनासोर का घर रहा है। इसे दुनिया भर में डायनासोर का तीसरा बड़ा जीवाश्म स्थल माना जाता है। यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्थान है, जहां बहुत बड़ी मात्रा में डायनासोर के अंडों के अवशेष मिले हैं। यह वही साइट हैं, जहां 1983 में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) के भूवैज्ञानिक खनिजों के उत्खनन के लिए क्षेत्र का सर्वे करते समय एक जगह रुक गए, जब उन्हें वहां डायनासोर के अवशेष मिले। 1983 में यहां डायनासोर के 10 हजार अंडों के अवशेष मिले थे। जीवाश्म वैज्ञानिकों (पेलियोन्टोलॉजिस्ट)  ने बालासिनोर के रैयोली गांव में खुदाई करते समय डायनासोर के जीवाश्म और अंडे पाए, जिसे आज की तारीख में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जीवाश्म स्थल माना जाता है।

अहमदाबाद से 90 किमी दूर बालासिनोर मध्य गुजरात की पहले एक रियासत थी। बालासिनोर के रैयोली गांव में विभि

न्न डायनासोर की हड्डियों के अवशेष यहां पाए गए थे। इन डायनासोर के नाम उन कस्बों के नाम पर रखे गए थे, जैसे राजासॉरस, नर्मदेसिंस, राहिलोसोर्स, गुजरातऐंसिस आदि। इन जगहों पर जीवाश्म पाए गए थे। इन जीवाश्मों की खुदाई 1983 और 2003 के बीच की गई थी।

Honorable Chief Minister of Gujarat Shri Vijay Rupani inaugurates the new Informatics Centre and Museum in Dinosaur fossil park in Balasinor

गुजरात के इतिहास और विरासत का सम्मान करते हुए, गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री श्री विजय रूपानी ने गांधीनगर से करीब 100 किमी दूर बालासिनोर के रैयोली गांव में आज नए इंफार्मेटिक्स सेंटर और म्यूजियम का उद्घाटन किया।

म्यूजियम में डायनासोर की उत्पत्ति से लेकर उनका अस्तित्व नष्ट होने का सफर काफी खूबसूरती से बयान किया गया। म्यूजियम में डायानासोर के निवास स्थान, उसकी आदतों, खान-पान और उनकी विशेषताओं का डिस्प्ले भी दिखाया गया है। यह म्यूजियम टाइम मशीन, 5डी थियेटर, 3डी फिल्म से लैस है। इन थियेटर और फिल्मों के माध्यम से 230 मिलियन से 63 मिलियन साल पहले मेसोजोइक युग की झलक दिखाई जाएगी। यहां प्रभावशाली स्मारक और स्मृति चिन्ह की दुकानें भी हैं। म्यूजियम में राजासॉरस, नर्मदाएंसिस की विशालकाय प्रतिमा डिस्प्ले पर रखी गई है। इसके अलावा यहां पृथ्वी के विकास का भी यहां डिस्प्ले किया जाएगा। म्यूजियम में 40 प्रतिमाओं का प्रदर्शन किया गया है, जिससे बीते युग के डायनासोर से संबंधित अलग-अलग तथ्यों पर प्रकाश डाला जाएगा। बीते कुछ वर्षों में जीवाश्म वैज्ञानिकों की ओर से सावधानीपूर्वक किए गए अध्ययन से यह पैटर्न तैयार किए गए हैं। इस अल्ट्रा मॉडर्न म्यूजियम की देखरेख और रख-रखाव के लिए फॉसिल पार्क डिवेलपमेंट सोसाइटी की स्थापना की गई है।

Dinosaur fossil park raiyoli Balasinor Balasinor Gujarat

यह संग्रहालय 25 हजार वर्गफीट के दायरे में फैला है। म्यूजियम के बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर में 10 गैलरी बनाई गई है, जिसमें फिल्मों और प्रदर्शनी के माध्यम से कई तरह के डिस्प्ले पेश किए जाएंगे। राजासॉरस नर्मदाएंसिस पर विशेष 3डी फिल्म तैयार की गई है। दूसरी गैलरियों में भारत और गुजरात के डायनासोर, जीवाश्म और डायनासोर की कई दूसरी विशेषताओं का विस्तृत डिस्प्ले पेश किया गया है। राज्य सरकार डायनासोर और उनके जीवाश्म के संबंध में जानकारी एकत्र करने वालों की जरूरतों की ही पूर्ति नहीं करेगी, बल्कि बच्चों के लिए किड्स एरिया में डायनो फन भी पेश किया जाएगा, जो काफी इंटरएक्टिव और हैरतअंगेज है। म्यूजियम के सेंट्रल हॉल में डायनासोर के निवास स्थान की हूबहू प्रतिकृति बनाई गई है। यहां आने पर आपको ऐसा लगेगा, जैसे आप 65 मिलियन वर्ष से पीछे के युग में पहुंच गए हों।

दो दशकों से ज्यादा समय तक वैश्विक नक्‍शे पर रहने के बावजूद लोग गुजरात के बारे में बहुत कम जानते हैं। राज्य ने दुनिया को उन तथ्यों की जानकारी देने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है, जिससे यह पता चल सके कि गुजरात दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा जीवाश्म स्थल कैसे बना। यहां दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा डायनासोर के अंडे पाए जाते हैं। म्यूजियम का लक्ष्य डायनासोर की उत्पत्ति से लेकर उनका अस्तित्व नष्ट होने तक के पूरे इतिहास से दर्शकों को रूबरू कराना है। इसके अलावा डायनासोर के निवास स्थान, आदतों, उनके भोजन और दूसरी विशेषताओं पर कई डिस्प्ले भी होंगे। यह म्यूजियम मेहमानों की डायनासोर के बारे में सारी उत्सुकता को शांत करने के लिए लंबा रास्ता तय करेगा।

Dinosaur fossil park raiyoli Balasinor Balasinor Gujarat

गुजरात इंद्रोडा डायनासोर का घर है और फॉसिल पार्क अहमदाबाद में स्थित है, जहां दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी संख्या में डायनासोर के अंडे पाए जाते हैं। राज्य के वन विभाग ने 1970 में पौधारोपण और नवीनीकरण का काम शुरू किया। इसे भारत का जुरासिक पार्क भी कहा जाता है। यह 428 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। इसमें कई दूसरे विभाग जैसे डायनासोर विभाग और फॉसिल विभाग भी हैं, जिसमें बतख के अंडों के आकार से लेकर तोप के गोलों के आकार तक के अंडे शामिल हैं। जीवाश्म वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अंडे 65 मिलियन वर्ष से अधिक समय तक पुराने हैं। यह माना जा रहा है कि पार्क और पार्क के इर्दगिर्द का क्षेत्र विशालकाय जीवों का निवास स्थान रहा है।

Dinosaur fossil park raiyoli Balasinor Balasinor Gujarat

म्यूजियम में इन विशालकाय जीवों की आदमकद प्रतिमाएं लगी हैं। मेहमानों की दिलचस्पी के लिए यहां सांप के जीवाश्म का भी डिस्प्ले किया गया है, जो डायनासोर के अंडे खाता है। म्यूजियम में 3.5 मीटर के सांप का कंकाल भी देखा जा सकेगा, जो डायनासोर की एक किस्म सॉरोपोड्स के अंडों पर जीवित रहता है। यह संभवतः आदिमकाल के सांप के जीवाश्म के खान-पान की आदतों का पहला सबूत है।

Honorable Chief Minister of Gujarat Shri Vijay Rupani inaugurates the new Informatics Centre and Museum in Dinosaur fossil park in Balasinor

अगर आप फॉसिल पार्क गए हैं या नहीं भी गए हैं। तो यह डायनासोर के नए म्यूजियम में आपके जाने का परफेक्ट समय है, जिससे आपको डायनासोर के दिलचस्प इतिहास और उनके बारे में गहराई से जानने में मदद मिलेगी।

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