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कुछ रोचक जानकारियां फ्लॉवर शो के बारे में…

दोस्तों ऐसा कौन होगा जिसे फूल पसंद न हो? फूल प्रकृति माँ का एक ऐसा तोहफा है जोकि चुटकियों में आपका मूड फ्रेश कर देता है। आप कितने ही गुस्से में हों फूल देख कर आपके चेहरे पर मुस्कान आ ही जाएगी। यह मेरे अलावा वैज्ञानिक अनुसन्धान भी कहते हैं। एक शोध के अनुसार जो लोग फूल पाते हैं या फिर फूलों सानिध्य में रहते हैं उनमे तनाव का स्तर लगातार घटता जाता है। वह ज़्यादा खुश और संतुष्ट रहते हैं। फूल हमारे इमोशनस के लिए हीलर का काम करते हैं। स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू जर्सी में हुए एक शोध से यह जानकारियां मिली।

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फूल हमारी भावनाओं को प्रकट करने के लिए सबसे सशक्त मध्यम हैं. यह हमारे सभी प्रकार के भावों को अपने अलग अलग रंगों से बड़े ही प्रभावी ढंग से व्यक्त करते हैं. खुशी, उल्लास ,भक्ति, प्रेम, समर्पण, शोक जैसे सभी अवसरों पर हम अलग अलग प्रकार के फूलों का प्रयोग करते हैं।

आपको जान कर हैरानी होगी कि हमारे देश में बोटानिकल गार्डन की शुरुवात अंग्रेजों से बहुत पहले टीपू सुल्तान के पिता हैदर अली ने कर दी थी जिसे बाद में अंग्रेजों ने आगे बढ़ाया। आज भी भारत का सबसे बड़ा फ्लॉवर शो बंगलौर में वर्ष में दो बार किया जाता है।

भारत के अलावा पूरी दुनियां में भांति भांति के फ्लॉवर शो आयोजित किये जाते हैं। सबसे पहले आधिकारिक फ्लॉवर शो का के निशान सन 1830 में विक्टोरियन इरा में पाए जाते हैं। कहा जाता है कि महारानी विक्टोरिया के समय में फ्लॉवर शो काफी फले फूले। उन्होंने कई बॉटनी के शोधार्थियों को संरक्षण दिया। जिसके सहारे उन्होंने देश विदेश की यात्राएं की और दुनियां भर से दुर्लभ प्रजातियों के फूल महारानी के दरबार में लाकर उसकी शोभा बढ़ाई। इस मेहनत का नतीजा यह हुआ की आज ब्रिटेन एक लाख पुष्प प्रजातियों का घर है। इन शोधार्थियों को एक समय में “फ्लॉवर हंटर” कहा जाता था।

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फूलों के प्रति महिलाओं का प्रेम किसी से छुपा नहीं है। शायद इसी का नतीजा है कि यूरोप के जिन जिन देशों में महिलाओं ने राज किया वहां पर पुष्प व्यापार खूब बढ़ और उनकी सभ्यता का अभिन्न अंग बना। अगर ऐसा नहीं होता तो नीदरलेंड का राष्ट्रीय पुष्प ट्यूलिप का स्रोत हिमालय नहीं होता। यह उन फ्लॉवर हंटर्स का ही कमाल है जिन्होंने ट्यूलिप को मध्य एशिया से निकाल कर यूरोप पहुँचाया। आज दुनियां का सबसे खूबसुरत ट्यूलिप गार्डन-क्यूकेनहोफ नीदरलैंड्स में स्थित है।

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भारत में सिक्किम एक ऐसा राज्य है जहाँ सबसे खूबसूरत फूल पाए जाते हैं। यहाँ 5000 फूलों की प्रजातियां और अनगिनत फौना और रोडेनडोरों की प्रजातियां पाई जाती हैं। सिक्किम में गंगटोक और नामची में फ्लॉवर शो मार्च में आयोजित किये जाते हैं। यहाँ खूबसूरत ऑर्चिड देखने को मिलते हैं।

इसी तरह श्रीनगर में हर साल अप्रैल में ट्यूलिप फेस्टिवल मनाया जाता है। जिसका आयोजन जम्मू कश्मीर टूरिज्म बोर्ड करता है। ट्यूलिप फेस्टिवल इस साल यह 12 से 14 अप्रैल को मनाया जाने वाला है।

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फरवरी एक ऐसा माह होता है जब देश में बसंत ऋतु की बहार छाई होती है ऐसे में दिल्ली एनसीआर में जगह जगह फ्लॉवर शो के आयोजन किये जाते हैं। दिल्ली टूरिज्म गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज़ में फ्लॉवर शो ऑर्गनाइज़ करता है वहीँ गुड़गांव, नॉएडा और ग्रेटर नॉएडा में भी फ्लावर शो आयोजित किये जाते हैं।

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चंडीगढ़ में भी फरवरी माह में बहुत बड़े स्तर पर फ्लॉवर शो का आयोजन किया जाता है।यह आयोजन शहर भर में फैले अलग अलग गार्डन्स में होते हैं। टैरेस फ्लावर गार्डन में हर वर्ष फ्लॉवर शो आयोजित किया जाता है। म्यूजिकल फाउन्टेन के साथ लोक गीत संगीत सजे गार्डन में फूलों की हज़ारों प्रजातियां देखने को मिलती हैं।

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जहाँ एक तरफ पूरे उत्तर भारत में बसंत में फ्लॉवर शो आयोजित किये जाते हैं वहीँ मेघालय एक ऐसा राज्य है जहाँ ऑटम में फ्लॉवर शो का आयोजन किया जाता है। जोकि अक्टूबर नवम्बर माह में शिलॉन्ग में मनाया जाता है। यह फ्लॉवर शो शो हिमालय में पाई जाने वाली दुर्लभ प्रजातियों के फूलों की प्रदर्शनी के लिए मशहूर है।

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ऐसे ही बने रहिये मेरे साथ, भारत के कोने-कोने में छुपे अनमोल ख़ज़ानों में से किसी और दास्तान के साथ हम फिर रूबरू होंगे। तब तक खुश रहिये और घूमते रहिये।आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त

डा ० कायनात क़ाज़ी

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