मैं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौक़े पर खुद को ट्रीट देना चाहती थी तो सोचा क्यों न ऐसी जगह जाया जाए जहाँ महिलाऐं सबसे ज़्यादा सुरक्षित हैं। हमारे देश में यह सम्मान हांसिल है अरेबियन सी से जुड़े एक छोटे से मगर बेहद शांत राज्य गोआ को। यहाँ देश विदेश से पूरे साल सैलानी सुकून के पल बिताने आते हैं। इस राज्य में दिन और रात के बीच कोई फ़र्क़ नहीं है। आप किसी भी समय कैसे भी कपड़े पहन कर कहीं भी जा सकते हैं। आप को कभी भी कोई परेशानी नहीं होगी। यहाँ के लोग बहुत भले और मदद करने वाले हैं। गोआ ऐसी जगह है जहाँ मैं बार बार आना चाहूंगी। चलिए आपको भी गोवा की सैर करवाते हैं। और दिखाते हैं यहाँ होने वाले वीवा कार्निवाल की रंगारंग झांकियों की एक झलक।
“खाओ पियो और मौज करो” यही मूल मन्त्र है गोवा कार्निवाल को उत्साह से मनाने का। कहते हैं पुर्तगालियों ने सोलहवीं शताब्दी में गोवा में कार्निवाल मनाने की शुरुवात की। वैसे तो गोवा साल में कई कार्निवाल मनाता है, जैसे दिसम्बर में पूरा गोवा क्रिसमस कार्निवाल के रंग में रंग जाता है। वैसे ही फ़रवरी के महीने में गोवा वीवा कार्निवाल मनाता है। इन दिनों ईसाई समुदाय 40 दिन के लिए किसी भी प्रकार के उत्सव से दूर रहता है और इस दौरान मॉस मदिरा का भी सेवन नहीं करता है। जब चालीस दिन पूरे होते हैं तो किंग मोमो जिन का सम्बन्ध ग्रीक भगवान मोमोस से बताया जाता है और जिन्हें हास्य का देवता भी कहा जाता है। वह सड़कों पर निकल कर अपनी प्यारी जनता को ख़ुशी मनाने, खाने पीने का फ़रमान सुनाते हैं और इस तरह चार दिन तक चलने वाले वीवा कार्निवाल की शुरुवात पंजिम शहर से होती है।
इस कार्निवाल परेड में लोग बड़े उत्साह से भाग लेते हैं। बड़ी बड़ी झांकियां सजाई जाती हैं। यह उत्सव है लोगों का उनके उत्साह का। छोटे छोटे गांवों से लेकर बड़े शहरों तक के लोग इस कार्निवाल में शिरकत करते हैं।
पूरे शहर को दुल्हन की तरह कार्निवाल के लिए सजाया जाता है। हर सड़क, हर गली, हर चौराहा, हर पार्क रंगीन मुखोटों और झालरों से सज सज जाता है।
इस कार्निवाल में जहाँ युवा अलग-अलग डांस ग्रुप्स में परेड में नाचते और जोश से भरे दिखाई देते हैं वहीँ बड़ी उम्र के लोग अलग अलग रंगों वाले रूपों में सब का मनोरंजन करते हैं।
इस कार्निवाल में कुछ झांकियां पुर्तुगाली संस्कृति की छठा बिखेरती दिखती हैं तो कुछ शुद्ध गोवा की ग्रामीण संस्कृति के दर्शन भी करवाती हैं।
इस कार्निवाल की ख़ासियत यह थी कि अधिकतर झांकियां किसी न किसी सन्देश को फ़ैलाने का काम कर रही थीं। जैसे आतंकवाद से मुक्ति, कैश लैस ट्रांज़ैक्शन,सेव द नेचर, चाइल्ड एब्यूज़ आदि।
यह कार्निवाल दोपहर 3 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चलता है। एक के पीछे एक खूबसूरत झांकियां और डान्सर्स सबको बांधे रखते हैं।
पंजिम से शुरू होकर यह कार्निवाल गोवा के विभिन्न गांवों और शहरों से गुज़र कर वापस पंजिम पहुँचता है। जहाँ चौथे दिन प्रसिद्ध रेड व ब्लैक डांस नाईट का आयोजन किया जाता है जिसमे युवा ख़ास काले और लाल रंग के परिधानों में ताल से ताल मिलाते हुए इस उत्सव का ग्रांड फिनाले मनाते हैं।
वीवा कार्निवाल का एक और मुख्य आकर्षण है गोवा का पारंपरिक खाना। वीवा कार्निवाल के दौरान सैलानियों को गोवा के पारंपरिक सी फ़ूड को चखने का मौक़ा गोवा की स्ट्रीट पर मिलता है।
वीवा कार्निवाल देशी विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। इस आयोजन को सफल बनाने में गोवा की जनता महीना भर पहले से तैयारियों में जुट जाती है वहीँ गोवा का लोकल प्रशासन व पर्यटन विभाग आने वाले सैलानियों के लिए आयोजन को बेहतर बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ते। इस आयोजन के ज़रिए गोवा की संस्कृति से नज़दीक से रूबरू होने का मौक़ा मिलता है।
आप ऐसे ही बने रहिये मेरे साथ, भारत के कोने-कोने में छुपे अनमोल ख़ज़ानों में से किसी और दास्तान के साथ हम फिर रूबरू होंगे। तब तक खुश रहिये और घूमते रहिये।आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त
डा ० कायनात क़ाज़ी
Travel Partner: Air Asia
Hospitality: Goa Tourism