Meghalaya-The Scotland of North East
हिमालय की भव्यता भारत में उत्तर से लेकर उत्तर पूर्व तक ऐसे फ़ैली है जैसे किसी ने नगीने जड़ दिए हों. जहाँ उत्तर में लद्दाख की खुरदुरी पहाड़ियां हैं वहीँ उत्तर पूर्व जाते जाते ये पर्वत श्रंखलाएं हरयाली की ऐसी नर्म मखमली चादर ओढ़ लेती हैं जिसमें रुई के फोए से बादल सजे होते हैं. मेघालय का नाम ही दो शब्दों से मिल कर बना है. मेघ + अलाय यानि मेघों का घर. जिसके नाम में ही मेघ हों भला वो बादलों से अटखेलियाँ न करे तो कौन करे.
इसी लिए मेघालय को प्रक्रति का वरदान प्राप्त है, इसके पास घने जंगल, पर्वत मालाएँ, झरने, शीशे सी चमकती नदी डावकी, लिविंग रूट ब्रिज और गारो, खासी व जयंतिया जनजातियों की समृद्ध परम्पराएं.
वैसे तो पूरा का पूरा मेघालय पहाड़ों में बसा है लेकिन यहाँ की मुख्य पर्वत मालाएँ गारो खासी और जयंतिया हिल्स के नाम से मशहूर हैं. मेघालय के पास एक से एक खुबसूरत आकर्षण मौजूद हैं. यहाँ पूर्वी खासी हिल्स में शिलोंग पीक से वादियों का नज़ारा देखने लायक है. शिलोंग के नज़दीक ही पड़ता है एक फैरी लैंड जैसा टाउन – चेरापूंजी. यह स्थान सबसे अधिक वर्षा के लिए जाना जाता है. इस खुबसूरत कसबे की रोनक देखते ही बनती है. एक चर्च और आसपास छोटे छोटे लेकिन सजीले घर और नेपथ्य में फेमस नोहकलिकाई वॉटरफॉल किसी जादुई लोक जैसा है. अगर आप ट्रेकिंग के शौक़ीन हैं तो इस विशाल जल प्राप्त के ताल तक भी पहुँच सकते हैं. अगर हम मेघालय को वॉटरफॉल का देश कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगा. यहाँ कुछ बेहद खुबसूरत वॉटरफॉल दर्शनीय हैं जैसे बीदों, बिशप, काइनरेम, लांगशियांग, नोहस्गिथियांग, स्वीट, एलिफैंट, क्रिनोलाइन, मार्गरेट और स्प्रैड इगल आदि
मेघालय एडवेंचर टूरिज्म के लिए स्वर्ग के समान है शायद यही वजह है कि यहाँ एडवेंचर से जुड़े फेस्टिवल होते हैं. पश्चिमी जयंतिया हिल्स में हर वर्ष हॉट एयर बलून फेस्टिवल आयोजित किया जाता है जिसमे भाग लेने पूरी दुनिया से एडवेंचर प्रेमी जोवाई खिंचे चले आते हैं.
यहीं नज़दीक ही बांग्लादेश बॉर्डर पड़ता है जिसे जोड़ती है एशिया की सबसे खुबसूरत और स्वच्छ नदी डावकी. इस नदी की स्वच्छता के क्या कहने. इसका पानी इतना पारदर्शी है कि नदी के तल में पड़े पत्थर तक दिखाई देते हैं. दूर से देखने पर लगता है जैसे नाव कांच पर चल रही है. यह कुदरत का एक ऐसा नज़ारा है जिसे जीवन में एक बार ज़रूर देखना चाहिए. पूर्वी खासी हिल्स में एक और आकर्षण है वह है एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव-मावल्यान्नॉंग.
इस गाँव की कुल आबादी 900 है और इन लोगों ने अपने गाँव को स्वच्छता के आधार पर पूरे विश्व में एक अलग पहचान दिलवाई है. गाँव में एक चर्च, होम स्टे और कुछ रेस्टोरेंट हैं जोकि लोकल लोगों द्वारा ही चलाए जाते हैं. इस गाँव के नजदीक ही है एक डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज. यह ब्रिज स्थानीय जनजातीय लोगों द्वारा रबड़ के पेड़ की जड़ों को आपस में गूंथ कर बनाए जाते हैं. कहते हैं ये ब्रिज 200 साल पुराना है. यह ब्रिज लगभग 50 मीटर लंबा है और 1.5 मीटर चौड़ा है। एक समय में यह ब्रिज लगभग 50 लोगों का भर उठा सकता है. पूरे मेघालय में ऐसे अनेक ब्रिज देखने को मिलते हैं. ये ब्रिज प्रक्रति के साथ जनजातीय समाज के मज़बूत रिश्ते के जीवित प्रमाण हैं. शायद इसी लिए ब्रिटिश लोग इसे पूर्वोत्तर का स्कॉटलैंड कहते थे. आप अगर मेघालय जाना प्लान कर रहे हों तो मानसून के बाद का समय उत्तम माना जाता है. अगर आप बारिश पसंद करते हैं तो यहाँ की खूबसूरती सबसे अधिक मानसून में ही दिखती है.
Travel Tips
- क्यूंकि मेघालय को उसकी मुख्य पहाड़ियों के आधार पर बांटा गया है इसलिए आपकी सुविधा हेतु ये मेप आपको अपना ट्रेवल प्लान करने में आसानी देगा.
- मेघालय में डिस्टेंस ज्यादा नहीं है अगर हम किलोमीटर में नापें तो लेकिन यहाँ की टोपोग्राफी के कारण सौ दो सौ किलोमीटर की यात्रा में ही पूरा दिन लग जाता है. हालाँकि यहाँ के रोड बहुत अच्छे हैं.
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