मुझसे यह सवाल अक्सर लोग पूछते हैं कि अच्छे ब्लॉगर कैसे बना जाए। लिखते तो हम भी है लेकिन ब्लॉगिंग कैसे की जाती है इसके बारे मे ज़्यादा जानकारी नही है। दोस्तों आज मैं आपको ब्लॉगिंग से जुड़ी विस्तृत जानकारी इस लेख मे उपलब्ध करवाउंगी।
एक ज़माना था जब लोग लेख लिखा करते थे उसे री राइट किया करते थे फिर किसी अख़बार या पत्रिका के संपादक को भेजते थे। वह लेख संपादक को पसंद आया तो छाप जाया करता था और अगर नही तो किसी रद्दी की टोकरी मे पहुँच जाता था। तब लेखक और पाठक के बीच संपादक नाम का एक गेट कीपर हुआ करता था। अख़बार या पात्रिका मे क्या छपेगा और क्या नही उसके सर्वाधिकार उसी के पास सुरक्षित होते थे। यह सारी प्रक्रिया संवादहींन हुआ करती थी। आपका लेख छप गया तो आप खुश हो जाते थे लेकिन आपको यह नही पता चलता था कि आप का लेख किस कारण से छपा है। आपका लेख रिजेक्ट होने पर भी आपको पता नही चलता था कि किन कारणों से आपका लेख रिजेक्ट हुआ। किसी भी अख़बार के संपादक को इतना समय नही होता कि आपके लेख को पढ़े और उसकी ग़लतिया इंगित करवा कर आपकी लेखिनी मे सुधार करे। लेकिन अब ऐसा नही है। जब से न्यू मीडिया का प्रादुर्भाव हुआ है, यूँ कहें तो संपादक की भूमिका का महत्व उतना रह नही गया। अब आप एक लेखक भी हैं, और अपने लेख के संपादक और प्रकाशक भी। एक लेखक को इतने अधिकार आज से पूर्व कभी भी हाँसिल नही थे। इस अपार शक्ति का श्रेय जाता है न्यू मीडिया को जहाँ आप को ब्लॉगिंग जैसा माध्यम मिला जिस पर आप अपने विचार बड़ी आसानी से पूरी दुनिया की आगे रख सकते हैं।
मार्शल मेक्लुहन ने कभी कहा था कि एक दिन ऐसा आएगा की पूरी दुनिया सिमट कर एक गाँव बन जाएगी। उनकी भविष्यावाणी बिल्कुल सच निकली। आज देखिए इंटरनेट ने पूरी दुनिया को एक जगह लाकर रख दिया है। अब अगर आप मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले की छोटी सी किसी तहसील मे भी रहते हैं तब भी आप सुदूर बैठे लोगों को अपने गाँव मे होने वाली किसी भी अनोखी चीज़ से रूबरू करवा सकते हैं। लेकिन यह तभी संभव हो पाएगा जब आप स्वंम को इस आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ेंगे। जब तक आप इस तकनीक को अपना मित्र नही बनाएँगे तब तक आप आगे नही बढ़ सकते। तो चलिए मेरे साथ ब्लॉगिंग की अद्भुत दुनिया से रूबरू होने।
ब्लॉगिंग क्या है?
सीधे सरल शब्दों मे कहा जाए तो ब्लॉगिंग एक मंच है जिसके मध्यम से आप इंटरनेट द्वारा पूरी दुनिया तक अपनी बात पहुँचा सकते हैं। आधुनिक युग मे ब्लॉगिंग अपनी बात कहने का एक सशक्त और प्रभावशाली मध्यम है। आइए इस एक उदाहरण के साथ समझते हैं। आदित्य प्रकाश एक 18 वर्ष का मौजवान विद्यार्थी है जिसे घूमने फिरने का शौक़ है। उसे स्कूल के दिनों से ही निबंध लिखने मे बड़ा आनंद आता है, बड़े होने के साथ साथ व अपनी डायरी मे कुछ अनुभव लिखता रहता है। एक दिन उसने मध्य प्रदेश के खूबसूरत जंगलों मे बसे वन्य जीव अभयारण देखने का निश्चय किया। वह बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व देखने पहुँचा। अपनी यात्रा उसने ट्रेन और बस से पूरी की और बांधवगढ़ पहुँच कर उसने सुबह और शाम की सफ़ारी का आनंद लिया। मध्य प्रदेश के खूबसूरत जंगलों की नैसर्गिक सुंदरता ने उसका मन मोह लिया। फिर शाम की सफ़ारी मे उसे टाइगर के दर्शन भी हुए जिससे वह ऊर्जा से भर गया। रात को जब वह अपने गेस्ट हाउस मे आया तो भावनाओं से ओत प्रोत था, तब उसने अपना पूरा अनुभव अपनी डायरी मे लिखा। और इस तरह आदित्य अपनी हर यात्रा पर लेख लिखने लगा। उसने कई बार अपने लेख पत्रिकाओं मे भेजे मगर किन्हीं कारणों से नही छपे। एक दिन उसकी एक मित्र घर आई और उसने आदित्य की डायरी पढ़ी तो वह बहुत प्रभावित हुई। उसने आदित्य को इन यात्रा संस्मरणों को प्रकाशित करने की सलाह दी। आदित्य ने पत्रिकाओं से मिली उदासीनता का ज़िक्र किया तब आदित्य की मित्र ने आदित्य को ब्लॉग पर अपने लेख प्रकाशित करने की सलाह दी। भले ही आदित्य इंटरनेट से भली प्रकार परिचित था। पर यह सब कुछ उसके लिए बहुत नया था। पर उसने इस नई तकनीक को सीखने का निश्चय किया। कड़ी मेहनत और लगन से आदित्य ने सफलता पाई। आज वह एक बेहतरीन ट्रेवल ब्लॉग चलाते हैं।
आदित्य के साथ जो हुआ वैसा शायद हम सब के साथ होता है। हम करना तो बहुत कुछ चाहते हैं लेकिन जब कहीं अटकते हैं तो निराश होकर छोड़ देते हैं। यही सबसे बड़ी भूल है। नई तकनीक को सीखने मे थोड़ा वक़्त तो लगता ही है। लेकिन जानकारी के आभाव में हार नहीं माननी चाहिए। आज मैं आपको अपने ट्रेवल ब्लॉगिंग के अनुभव से बहुत ही उपयोगी जानकारियां यहाँ साझा करुँगी जिससे आप भी एक सफल ट्रेवल ब्लॉगर बन सकते हैं। आइए मेरे साथ इसकी शुरुवात करें।
ब्लॉग कैसे बनाएँ?
जैसे आप जीमेल पर अपना ई मेल अकाउंट बनाते हैं वैसे ही आप बड़ी आसानी से अपना ब्लॉगिंग अकाउंट भी बना सकते हैं। यह फ्री सर्विस है। कई ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जो आपको फ्री मे ब्लॉग बनाने देते हैं जैसे वर्डप्रेस.कॉम या फिर ब्लॉगस्पोट.कॉम
इन वेबसाइट पर जाकर अपना अकाउंट बनाएँ। फिर आप जिस विषय पर ब्लॉग बनाना चाहते हैं उसके लिए एक नाम सोचें। भाषा का चयन करें। आप इंग्लिश के अलावा हिन्दी, तमिल,तेलगु, गुजराती, मराठी, किसी भी भाषा मे अपना ब्लॉग बना सकते हैं।
- अब ब्लॉग बनाना के बाद आप ब्लॉग पर अपनी पहली पोस्ट डालें। पोस्ट का टाइटल ऐसा रखें जो कि पढ़ने वाले को आकर्षित करता हो।
- अगर आप ट्रॅवेल पर ब्लॉग बना रहे हैं तो कोशिश करें कि अपनी यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण स्थानों की कुछ तस्वीरें क्लिक करें। उन तस्वीरों को अपनी पोस्ट मे शामिल करें।
- याद रखें ट्रेवल ब्लॉग अच्छी तस्वीरों के बिना निर्जीव सा होता है। इसलिए अच्छी तस्वीरें ज़रूर शामिल करें। कोशिश करें कि फोटोग्राफी की बेसिक जानकारी आपको हो। इससे आप एक साधारण कैमरे से भी अच्छी तस्वीरें खींच पाएंगे।
- ट्रॅवेल का ब्लॉग ऐसा होना चाहिए कि पढ़ने वाले को उस स्थान की सारी जानकारी उपलब्ध करवाए। जैसे डिस्टेन्स के बारे मे लिखें, मौसम के बारे मे लिखें, क्या करें क्या ना करें इस पर भी प्रकाश डालें।
- एक अच्छे ट्रॅवेल ब्लॉगर बनने के लिए ज़रूरी है कि आप एक अच्छे पाठक बने। यह एक कला है जिसे लगातार माझने की ज़रूरत है। आप एक अच्छा ब्लॉग तभी बन सकते हैं जब आप को पता हो कि अच्छे ब्लॉग होते कैसे हैं। इसके लिए आप इंटरनेट पर थोड़ी रिसर्च करें और अच्छे ब्लॉग पढ़ें। उन्हें फॉलो करें। ऐसा करने से आपको यह पता चलेगा कि अच्छे ब्लॉग होते कैसे हैं।
- ब्लॉग बनाना और ब्लॉग चलाना दो अलग अलग बातें हैं। अगर आप ब्लॉगिंग को लेकर गंभीर नही हैं तो ब्लॉग की शुरुवात ना करें। ब्लॉग चलाना एक सतत प्रक्रिया है। ऐसा नही है कि जब मन हुआ तब पोस्ट डाल दी और फिर चार महीने गायब हो गए। ब्लॉग को सफल बनाए के लिए निरंतरता बहुत ज़रूरी है।
सोशल मीडिया का करें स्मार्ट उपयोग
हम सब सोशल मीडिया से जुड़े हैं लेकिन हम इसका उपयोग मनोरंजन के लिए करते हैं, जबकि इस सशक्त मध्यम को अगर स्मार्ट तरीके से उपयोग मे लाया जाए तो हम अपने ब्लॉग को पोलुलर करने के लिए भी इस मध्यम का उपयोग कर सकते हैं। अपनी ब्लॉग पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर करें। इससे काफ़ी लोग आपके साथ जुड़ेंगे। फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम आदि प्लेटफॉर्म्स को शामिल करें।
ट्रॅवेल से जुड़े टूल्स को ब्लॉग मे शामिल करें
अगर आप ट्रॅवेल ब्लॉगर हैं तो अपने ब्लॉग पर कुछ उपयोगी टूल्स भी एड कर सकते हैं जैसे मौसम, शहरों के बीच की दूरी का कैलकुलेटर, गूगल मैप, लोकेशन आदि।
इससे आपका ब्लॉग देखने मे तो आकर्षक लगेगा ही साथ मे पाठक को सभी ज़रूरी जानकारी उपलब्ध भी करवाएगा।
सबसे ज़रूरी बात कभी भी कॉंटेंट या तस्वीर की चोरी ना करें। गूगल आपकी सहायता के लिए हमेशा है लेकिन किसी और की वेबसाइट से कॉंटेंट चुरा कर अपने ब्लॉग पर कभी ना डालें। हमेशा मौलिक लेखन करें। यह किसी भी रूप मे स्वीकार्य नही है। इससे आपके ब्लॉग की प्रतिष्ठा पर बट्टा लगेगा।
यात्रा के दौरान वॉइस रिकॉर्डर का उपयोग करें
जब भी आप यात्रा पर जाएं कोशिश करें लोकल लोगों से उस स्थान से जुड़ी जानकारियां हांसिल करें। जब वह आपको कुछ रोचक जानकारी बता रहे हों तो अपने फोन के वॉइस रिकॉर्डर का उपयोग करें। यह रेकॉर्डिंग बाद में जब आप लेख लिख रहे होंगे तब आपके काम आएगी। लोगों के नाम के साथ उस जानकारी को लेख में शामिल करने से आपका लेख समृद्ध बनेगा।
संपादक की भूमिका
किसी ने सच ही कहा है। आज़ादी अपने साथ ज़िम्मेदारी लाती है। आज ब्लॉगिंग ने आपको अपना लेख स्वंम प्रकाशित करने की आज़ादी दे तो दी है लेकिन कहीं न कहीं उसकी ज़िम्मेदारी भी आप पर आ जाती है। अब अपने लेख के संपादक और प्रकाशक आप स्वंम हैं। इसलिए थोड़ी सावधानी ज़रूरी है। जो काम कभी संपादक किया करता था वह आपको करना होगा। संपादक का मुख्य काम होता था कि वह नज़र रखे कि गैरज़रूरी, विषय से अलग, निम्न स्तरीय सामग्री को प्रकाशित न होने दे। यह आपको भी करना है। अगर आप चाहते हैं कि आपका ब्लॉग लोग पसंद करें तो आपको भी गुणवत्ता का ध्यान रखना होगा। इसलिए लेख लिखते हुए अपनी थीम से न भटकें, अनावश्यक जानकारियां न दें, बहुत लम्बा लेख न लिखें, बहुत छोटा और अधूरा भी न लिखें।
मौसम पर नज़र रखें
आप किसी स्थान पर जा रहे हैं और वहां पर लगातार बारिश हो रही है, ऐसे में आप अच्छी तस्वीरें नहीं ले पाएंगे। एक ट्रेवल ब्लॉगर के लिए कोई भी यात्रा तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक उसके पास उस स्थान की पूरी जानकारी और बेहतरीन तस्वीरें न हों। इसलिए अपनी यात्रा प्लान करने से पहले मौसम पर भी नज़र रखें।
यात्रा की प्लानिंग करें
अगर आप एक अच्छे ट्रेवल ब्लॉगर बनना चाहते हैं तो अपनी यात्रा को पहले से प्लान करें। उस स्थान पर पहुँचने से पहले जितनी जानकारी आप गूगल से जुटा सकते हैं जुटाएं। इससे आपको अपनी यात्रा से भरपूर आनंद मिलेगा। उस स्थान पर पहले से लिखे ब्लॉग पोस्ट को पढ़ें। नोट्स बनाए। गूगल इमेज में जाकर देखें। उस स्थान के महत्वपुर्ण स्थानों की तस्वीरें आपको अपनी तस्वीरें प्लान करने में मदद करेंगी।
एक उदहारण से इसे समझते हैं। जैसे आप खजुराहो घूमने जा रहे हैं तो आपको इस विश्वप्रसिद्ध धरोहर का ज्ञान पहले से ही होना चाहिए। आप खजुराहो जाएं तो अपना दिन ऐसे प्लान करें कि वहां के सभी मंदिर देख कर ही वापस आएं। खजुराहो में मंदिर दो भागों में बटे हुए हैं एक ईस्टर्न ग्रुप ऑफ टेम्पल्स और दूसरा वेस्टर्न ग्रुप ऑफ़ टेम्पल्स। वेस्टर्न ग्रुप के मंदिर एक ही स्थान पर हैं और आप पास ही बने हुए हैं जबकि ईस्टर्न ग्रुप के मंदिर छितराए हुए हैं।
वेस्टर्न ग्रुप ऑफ टेम्पल्स की तस्वीरें सुबह सुबह की रौशनी में ज़्यादा अच्छी आती हैं जबकि ईस्टर्न ग्रुप के मंदिर की आभा शाम को सूर्यास्त के समय देखने लायक होती है। खजुराहो पहुँच कर जितनी जल्दी हो सके दिन की शुरुवात करें।
बहुत से लोग खजुराहो जाकर सिर्फ वेस्टर्न ग्रुप के मंदिर देख कर ही लौट आते हैं। कुछ लोग खजुराहो के लिए केवल एक दिन की ट्रिप प्लान करते हैं। सुबह पहुंचे और शाम तक वापस आ गए। लेकिन यह प्लानिंग गलत है ऐसा करने पर आप अमिताभ बच्चन की भावपूर्ण आवाज़ में खजुराहो का लाइट एंड साऊण्ड शो तो मिस ही कर जाएंगे इसलिए एक रात का स्टे भी शामिल करें। इस शो को देखे बिना आपकी यात्रा अधूरी मानी जाएगी। और ऐसा आप तभी कर पाएंगे जब आपको यह सब जानकारी पहले से मालूम होगी। इसलिए कहीं भी जाने से पहले पर्याप्त रिसर्च ज़रूर करें।
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Thanks Neetu ji
Thanks, Neetu ji
बहुत उपयोगी और सीखने योग्य सुझाव है। धन्यवाद।
thank you Ajay Ji
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Thank u so much for liking my work, do visit my blog again.
………सीखने योग्य सुझाव है।