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सभी मित्रों को बसंत पंचमी की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं

 

वैसे तो बसंत पंचमी पूरे भारत में मनाई जाती है लेकिन इसका जितने ज़ोरो शोर से स्वागत बंगाल में होता है इतना कहीं और देखने को नहीं मिलता। माँ शारदे के स्वागत में पूरा कुमारटुली जनवरी के शुरू होते ही जुट जाता है। आपको बता दूँ कि कोलकाता का कुमारटुली एक ऐसा मुहल्ला है जहाँ पर दूर दूर से आए मूर्तिकार पूरे वर्ष बड़ी बड़ी मूर्तियां बनाते हैं। अगर आप कोलकाता जा रहे हैं तो अपनी लिस्ट में कुमारटुली ज़रूर जोड़ लें। मुझे भी इस जगह का सिर्फ नाम ही पता था।

कहाँ है?

कैसे जाउंगी?

कुछ मालूम न था। यायावरी की यही तो ख़ूबी होती है। हमेशा कुछ नया देखने की जुस्तुजू आपको अनजानी राहों पर ले जाती है। मैं आज भी कुछ नया खोजने के लिए गूगल का सहारा नहीं लेती। इस मामले में मैं थोड़ी रिवायती हूँ। राहगीरों से पूछते पूछते आगे बढ़ना मुझे ज़्यादा रास आता है। इसका फायदा यह होता है कि सरे राह मिले राहगीर कुछ और भी बता जाते हैं।

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Flower market near Hawda Bridge, Kolkata

तो खैर हम इस वक़्त कोलकाता में हैं और मैं सदर स्ट्रीट पर हूँ। और इस बार मैंने क़सम खाई है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट ही यूज़ करुँगी। ऐसा मैं अक्सर करती हूँ। जब ट्रेवल करते हुए एक्सट्रीम लग्ज़री से ऊब जाती हूँ तो अपने अंदर के देसी इंसान को तोलने निकल पड़ती हूँ कम से कम पैसों में भ्रमण करने। आम इंसान की तरह यात्रा करने। शायद खुद से यह जानना चाहती हूँ कि मेरे अंदर का वो जीवट इंसान आरामतलबी की मोटी परतों के नीचे दब के मर तो नहीं गया कहीं।

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The Old world charm-Joy ride in Tram

और इस तरह मैंने कुछ दूर तक पैदल रास्ता पार किया फिर बस पकड़ कर हावड़ा ब्रिज के नीचे लगने वाली फूल मंडी पहुंची। आप सोचते होंगे मैं तो कुमारटुली जा रही थी फिर यह फूलमंडी कहाँ पहुँच गई? अरे जनाब ठहरिये। इस जगह का भी बड़ा महत्व है। आप सुबह सुबह आइये यहाँ और अगर आप फोटोग्राफर हैं तो फिर कहने ही क्या? इस जगह पर सरस्वती पूजा की तैयारियां शुरू होती हैं। माँ शारदे की पूजा में फूलों का बड़ा महत्व है। इसका अंदाज़ा आपको यहाँ आकर होजाएगा। इस जगह का बेस्ट शॉट हावड़ा ब्रिज से आता है।

Kumartuli in old Kolkata

मेरे दाईं और हुगली नदी है। जिसके चौड़े पाट पर बड़े बड़े बोट लोगों को एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक लेजाते हैं। कोलकाता में लोग इसे रोज़मर्रा की आवाजाही में तादाद में प्रयोग में लाते हैं। लोगों का हुजूम ऑफिस आने जाने के लिए इन्ही बोट का स्तेमाल करता है। वैसे कोलकाता को एक अलग एंगल से देखने के लिए एक दिन इन बोट में हुगली पर यात्रा की जा सकती है।

Artist giving final touch with colors in Kumartuli in old Kolkata

मैंने हावड़ा ब्रिज से फूलमंडी की कुछ तस्वीरें लीं और फिर नज़दीकी चेट्टी से बोट ली। मैंने हावड़ा शोभाबाजार फेरी सर्विस पकड़ी।

बड़ा अच्छा लगा कि भारत में आज भी मात्र पांच रूपए में परिवहन उपलब्ध है कहीं। कोलकाता को ऐसे ही “सिटी ऑफ़ जॉय” नहीं कहा जाता है। बोट से उतर कर मैंने मालूम किया और लोकल ट्राम पकड़ी। मैं जैसे जैसे आगे बढ़ रही हूँ ओल्ड कोलकाता का नज़ारा देखने को मिल रहा है। शोभा बाजार की चहल पहल देख लगता है जैसे मैं पचास साल पीछे पहुँच गई हूँ। ट्राम में सफर करते हुए वक़्त ज़्यादा लगता है लेकिन जॉय राइड के लिए एक बार ट्राई ज़रूर करें। कोलकाता आए और ट्राम में नहीं बैठे फिर क्या किया। जबकि यहाँ मेट्रो से भी पहुंचा जा सकता है।

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God in making-Kumartuli in old Kolkata

उसका स्तेमाल मैं वापसी में करुँगी। ट्राम से उतर कर कुछ दूर ही कुमारटुली है। इसके लिए ढूंढ़ना नहीं पड़ेगा बड़ी बड़ी मूर्तियां खुद आपको पता बता देंगी।  कुमारटुली में जगह जगह माँ शारदे की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं।  मिटटी में जान फूंकते यह कलाकार घंटो किसी तपस्या की तरह अपनी वर्कशॉप में खड़े होकर काम करते हैं। वो कहते हैं न भगवान ऐसे ही नहीं मिल जाते। यहाँ कई दुकानें भी हैं जो अन्य डेकोरेशन आइटम बेचते हैं। सुन्दर सुन्दर कागज़ के फूल और माँ शारदे के श्रंगार का सामान किसी धैर्यवान कलाकार की लगन की अनोखी मिसाल पेश करता है।

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It takes time to become God

सधे हाथों से कागज़ काट काट कर बना यह नफीस काम दुनिया के बड़े से बड़े ऑरिगेमी आर्टिस्ट को दांतों तले ऊँगली दबाने को विवश कर देगा। यहीं से सभी सरस्वती पूजा के लिए मूर्तियां बड़ी आस्था के साथ लेकर जाते हैं। कई घंटे इन कलाकारों को निहारते बतियाते बीत गए पता ही नहीं चला। दिल कर रहा है कि थोड़ा और ठहर जाऊँ। पर जाना होगा। आप जब कोलकाता आएं तो एक बार यहाँ ज़रूर आएं।

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Kaynat Kazi clicking pics

माँ शारदे की मेरे जीवन में हमेशा से बड़ी कृपा रही है। एक पौराणिक कथा को माने तो माँ सरस्वती ने पृथ्वी पर उदासी को खत्म करने के लिए  सभी जीव-जंतुओं को वाणी दी थी। इसलिए माँ शारदे को कला और बुद्धि की देवी भी माना जाता है। शायद इसीलिए वो मेरी फेवरिट भी रही हैं। हम स्कूल के दिनों में बड़े चाव से बसंत पंचमी मनाते थे।

एक बार फिर से सभी मित्रों को राहगीरी डॉट कॉम कीओर से वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं!

 

 

 

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