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ऐसा नहीं है कि हिन्दी में अच्छे ब्लॉग लिखने वालों की कमी है। हिन्दी में लोग एक से एक बेहतरीन ब्लॉग्स लिख रहे हैं। पर एक चीज़ की कमी अक्सर खलती है। जहां ब्लॉग पर अच्छा कन्टेन्ट है वहां एक अच्छी क्वालिटी की तस्वीर नहीं मिलती और जिन ब्लॉग्स पर अच्छी तस्वीरें होती हैं वहां कन्टेन्ट उतना अच्छा नहीं होता। मैं साहित्यकार के अलावा एक ट्रेवल राइटर और फोटोग्राफर हूँ। मैंने अपने इस ब्लॉग के ज़रिये इस दूरी को पाटने का प्रयास किया है। मेरा यह ब्लॉग हिन्दी का प्रथम ट्रेवल फ़ोटोग्राफ़ी ब्लॉग है। जहाँ आपको मिलेगी भारत के कुछ अनछुए पहलुओं, अनदेखे स्थानों की सविस्तार जानकारी और उन स्थानों से जुड़ी कुछ बेहतरीन तस्वीरें।

उम्मीद है, आप को मेरा यह प्रयास पसंद आएगा। आपकी प्रतिक्रियाओं की मुझे प्रतीक्षा रहेगी। आपके कमेन्ट मुझे इस ब्लॉग को और बेहतर बनाने की प्रेरणा देंगे।

मंगल मृदुल कामनाओं सहित आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त

डा० कायनात क़ाज़ी

दा ग्रेट हिमालय कॉलिंग….छठा दिन

Naggar
The great Himalayas calling... DAY-6-Naggar छठा  दिन-नग्गर   हिमालय की समृद्ध संस्कृति के दर्शन करने के लिए नग्गर से बेहतर जगह कोई हो  ही नहीं सकती है.इस नगर को राजा विशुद्ध पाल ने बसाया था और यह नगर 400 वर्षों तक कुल्लू की राजधानी रहा है। नग्गर को मंदिरों का नगर  भी कहा जाता है, क्योंकि यही एक ऐसा गांव है, जहां स्थानीय...

दा ग्रेट हिमालय कॉलिंग….पांचवां दिन, नग्गर

Naggar-Himachal
The great Himalayas calling....Naggar Castle Day-05 पांचवां दिन - नग्गर   Naggar castle   इस सीरीज़ की पिछली पोस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें: दा ग्रेट हिमालयकॉलिंग....चौथा दिन-कुल्लू - देकपो शेडरूपलिंग मोनेस्ट्री नग्गर कैसल   विश्व धरोहर नग्गर कैसल में हर साल देशी और विदेशी पर्यटक ठहरना पसंद करते ही हैं साथ ही यह जगह हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को भी खूब लुभाती है। यहाँ कई मशहूर फिल्मों...

दा ग्रेट हिमालय कॉलिंग….पहला दिन

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The great Himalayas calling Day-1 हमारे देश का गौरव है-दा ग्रेट हिमालय. यह सदियों से कितने ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. साधु संतों को, वैरागियों को, पर्वतारोहियों को और मुझ जैसे राहगीरों को... हर इंसान की तलाश अलग..खोज अलग..कोई ढूंढ़ता आता है शांति,  तो कोई खोज रहा है मोक्ष.. तो कोई प्रकृति की सुंदरता मे बस खो जाना चाहता है...  दा ग्रेट...

दा ग्रेट हिमालय कॉलिंग…. तीसरा दिन: कसोल

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The great Himalayas calling.... DAY-3 तीसरा दिन: कसोल इस सीरीज़ की पिछली पोस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें:  जिभी और बंजार वैली Malana Grass   जिभी से कसोल की दूरी 80 किलोमीटेर की है जिसे हम ने 3 घंटे में पूरा किया. हम सुबह जिभी से निकले और दोपहर तक कसोल पहुँच गए थे. कसोल हिमाचल का एक छोटा-सा टाउन है. आज से पाँच साल...

दा ग्रेट हिमालय कॉलिंग….दूसरा दिन

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इस सीरीज़ की पिछली पोस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें:पहला दिन-दिल्ली से जिभी The great Himalayas calling Day-2 दूसरा दिन  रात को बहुत अच्छी नींद आई. पहाड़ी रास्तों पर दिन भर ट्रेवल करने के बाद कहीं जंगल मे कोई आपके लिए नर्म मुलायम बिस्तर बिछाए मिल जाए तो ऐसा लगता है जैसे आप की मां खुद यहाँ आपकी थकान का अहसास करके...

ताज महल में और भी बहुत कुछ है ख़ास

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 वास्तुकला ताज महल मुगल साम्राज्य की  वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फारसी, तुर्क, भारतीय एवं इस्लामिक वास्तुकला के घटकों का अनोखा मेल प्रस्तुत करती  है।मुग़ल मध्य एशिया से भारत आए थे ,और वह जहाँ जहाँ से होकर गुज़रे उन स्थानों की  उन्होंने  खुली  अपनाया। इसीलिए मुग़ल वास्तुकला इस्लामिक वास्तु शैली, तुर्की, फ़ारसी व भारतीय राजपुताना वास्तु शैली का...

गर्ल्स जब अकेले ट्रॅवल करें तो इन पाँच बातों का ध्यान रखें

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टिप्स: फीमेल ट्रैवलर्स के लिए गर्ल्स जब अकेले ट्रॅवल करें तो इन पाँच बातों का ध्यान रखें   हर लड़की की ख्वाहिश होती है कि वह पंख लगा कर सारा आकाश छू ले. सारी दुनियाँ घूमें, नई नई जगह देखे, उसे जाने समझे…नए नए लोगों से मिले...दुनिया को अपनी नज़र से देखे ना की दूसरों के नज़रिए से, पर  हम में...

मानसून मस्ती के लिए जाएं -परवाणू,हिमाचल प्रदेश

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Himalayan Epressway   किसी ने सच ही ही कहा है कि पहाड़ों की असली खूबसूरती तो मानसून आने के बाद ही निकल कर आती है। वैसे तो साल भर पहाड़ों पर वनस्पति नज़र आती है पर बारिश के बाद लगता है जैसे किसी ने दूर दूर तक फैले पहाड़ों को हरी मख़मल से ढंक दिया हो। जब पूरी वादी पाइन  के...

बावड़ियों का शहर – बूंदी, राजिस्थान

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          राजिस्थान के दक्षिण पूर्व में बसा एक  सुन्दर और शांत नगर बूंदी अपने में राजसी धरोहर को समेटे हुए है। इस शहर की स्थापना राव देवाजी ने 1242 ई० में की थी। कहा जाता है कि मीणा समाज में एक सरदार हुए थे जिनका नाम बूंदा मीणा था उनके नाम पर ही इस नगर का नाम बूंदी पड़ा। बूंदी...

बौद्ध धर्म की उदय स्थली -सारनाथ

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  उत्तर प्रदेश कीधार्मिक तथा सांस्कृतिकनगरी वाराणसी से12 किलोमीटर  दूरअति प्राचीन नगरऔर बौद्धों कातीर्थ सारनाथ स्थितहै।  इसकानिर्माण 500 ईस्वी मेंसम्राट अशोक द्वारा249 ईसा पूर्व बनाएगए एक स्तूपव अन्य कई स्मारक केस्थान पर किया गया था।ज्ञान प्राप्त करनेके बाद यहींपर भगवान बुद्धने अपने पांचशिष्यों को पहला उपदेश दियाथा। यहाँ से ही उन्होंने"धर्म चक्र प्रवर्तन" प्रारम्भ किया। यहजैन धर्म अनुयायोंका भी धार्मिकस्थल...

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Mahabodhi temple of Gaya UNESCO world heritage site

  बौद्ध गया एक अरसे के बाद एक ऐसे स्थान पर जाना हुआ कि दिल ख़ुश हो गया। महात्मा बुद्ध के प्रति विशेष सम्मान है।  इसीलिए...