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ऐसा नहीं है कि हिन्दी में अच्छे ब्लॉग लिखने वालों की कमी है। हिन्दी में लोग एक से एक बेहतरीन ब्लॉग्स लिख रहे हैं। पर एक चीज़ की कमी अक्सर खलती है। जहां ब्लॉग पर अच्छा कन्टेन्ट है वहां एक अच्छी क्वालिटी की तस्वीर नहीं मिलती और जिन ब्लॉग्स पर अच्छी तस्वीरें होती हैं वहां कन्टेन्ट उतना अच्छा नहीं होता। मैं साहित्यकार के अलावा एक ट्रेवल राइटर और फोटोग्राफर हूँ। मैंने अपने इस ब्लॉग के ज़रिये इस दूरी को पाटने का प्रयास किया है। मेरा यह ब्लॉग हिन्दी का प्रथम ट्रेवल फ़ोटोग्राफ़ी ब्लॉग है। जहाँ आपको मिलेगी भारत के कुछ अनछुए पहलुओं, अनदेखे स्थानों की सविस्तार जानकारी और उन स्थानों से जुड़ी कुछ बेहतरीन तस्वीरें।

उम्मीद है, आप को मेरा यह प्रयास पसंद आएगा। आपकी प्रतिक्रियाओं की मुझे प्रतीक्षा रहेगी। आपके कमेन्ट मुझे इस ब्लॉग को और बेहतर बनाने की प्रेरणा देंगे।

मंगल मृदुल कामनाओं सहित आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त

डा० कायनात क़ाज़ी

पुष्कर मेला – एक बार ज़रूर जाना

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    वैसे तो पुष्कर एक छोटी जगह है पर विश्व मानचित्र पर पहचाना जाता है। इसे तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है। अजमेर से 14 किमी उत्तर पश्चिम में अरावली पर्वत श्रंखलाओं के बीच बसा हुआ एक मनोरम स्थान है। पुष्कर शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है। पुष्प+कर, पुष्प यानी फूल और कर यानी हाथ। पुष्कर में गुलाब...

ऋषिकेश – आध्यात्म, योग और शान्ति का अदभुत संगम

Sunset@Rishikesh हरिद्वार की यात्रा बिना ऋषिकेश जाए पूरी नहीं होती, आप जब भी हरिद्वार जाएं एक दिन एक्स्ट्रा लेकर जाएं जिससे ऋषिकेश भी घूम आएं। ऋषिकेश हरिद्वार से 25 किमी दूर है. Lakshman Jula@Rishikesh  तीन दिशाओं से पहाड़ियों से घिरा, जिसके बीचों बीच से  पावन  नदी गंगा बहती है। इसे देव भूमि भी कहते हैं.जहाँ हरिद्वार लोगों से भरा हुआ लगता है...

हरिद्वार – एक यात्रा आध्यात्म और शान्ति की ओर

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  Haridwar in Blue hour भोर का नीला उजाला,पूरब में सिंदूरी लालिमा, वायु में सुगन्धी अगरबत्तियों की महक, मंदिर की घंटियाँ, दूर से आती शंखनाद, हर हर गंगे की स्वर लहरी, कलकल बहता गंगाजल और घाटों पर जुटती श्रद्धालुओं की भीड़ जैसे मेला लगा हो. यह महान द्रश्य है हरिद्वार स्थित “हर की पौड़ी” का जहाँ की सुबह रोज़ ही आध्यात्म...

नवीन और प्राचीन का अनूठा संगम-पांडिचेरी

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     Sunrise@Gandhi Statue एक स्वप्न सा सजीला शहर जो संगम है कई सभ्यताओं का, उनकी संस्कृतियों का, उनकी आस्था का और परस्पर सौहार्द का। यहाँ भेद हैं वर्ण के, भाषा और आस्था के फिर भी यह एक हैं। एक शहर जो शान्त है, यहाँ शोर है तो सिर्फ समुद्र की लहरों का। यहाँ है अरबिन्दो आश्रम, एक आधुनिक और अन्तराष्ट्रीय  शहर-ऑरोविल,...

अखण्ड भारत के निर्माता थे सरदार पटेल

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सरदार पटेल की जयंती पर विशेष दो दोस्त बैठ कर छुट्टियाँ प्लान कर रहे थे। एक बोला -यार मेरी बीवी की फरमाइश है की हम इन विंटर वेकेशन्स में राजिस्थान टूर पर जाएं। उसे जयपुर से ब्लॉक प्रिंट की चादरें और बन्धेज की चुनरी, जोधपुर से जूतियाँ,पुष्कर से कैमल लैदर के बैग खरीदनी है और जैसलमेर में सेन्ड डियून्स...

अंगना की चिड़िया

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  अंगना की चिड़िया आज विश्व गौरय्या दिवस है। जान कर थोडा मन बेचैन हुआ कि जो कल तक हमारे घर के आँगन में फुदकने वाली छोटी सी चिड़िया थी वो आज न जाने कहाँ गायब हो गई है। हम जो बचपन में सुबह होने का अहसास चिड़ियों की आवाज़ से लगते थे आज वो मधुर गीत कहीं खो...

एक फोटोग्राफर की डायरी से….

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एक फोटोग्राफर की डायरी से…. मैं एक महिलाफोटोग्राफर और साहित्यकार हूँ, घूमने-फिरने का शौक़ बचपन से है। हमने अपने बचपन में बहुत सारे शहर देखे और आज भी मैं अपने देश की विविधता पर मोहित हूँ। आप किसी भी दिशा में निकल जाएँ, आपको हमेशा कुछ नया, कुछ अनोखा देखने को मिलेगा।आज मेरे मन में आया कि आप के साथ अपनी...

रजिस्थानी आन बान और शान का प्रतीक -मारवाड़ फेस्टिवल

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रजिस्थानी आन बान और शान का प्रतीक -मारवाड़ फेस्टिवल   सर्दियों की आहट के साथ शुरू  होने वाला ये फेस्टिवल पूरे  सप्ताह तक चलता है। मारवाड़ फेस्टिवल हर साल सितंबर-अक्टूबर माह में मनाया जाता है। यह हिन्दू कैलेण्डर के अश्विन माह में मनाया जाता है। सप्ताह भर चलने वाले इस उत्सव का समापन शरद पूर्णिमा को रेगिस्तान का द्वार कहे...

क्यों मनाते हैं दुर्गा पूजा?

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पारिजात के पेड़ों पर सफ़ेद फूलों का आना, हवा में सुगंध का घुलना इशारा करता है कि भारत में त्योहारों का मौसम आने वाला है। शरद ऋतु के आगमन का स्वागत करते त्यौहार सब के जीवन में उमंग भर देते हैं। इसी कड़ी में हम चले चलते हैं दिल्ली के दिल में बसे छोटे से बंगाल- चितरंजन पार्क में...

चित्ररंजन पार्क में दुर्गा पूजा की तैयारियाँ

  हार श्रृंगार के पेड़ों पर कलियाँ चटख़ने लगी हैं, सूर्य देव भी थोड़े थके से जान पड़ते हैं, हवा में रात की रानी की खुशबु बहने लगी है, तन को जलाने वाली गर्म हवाएँ अब शान्त हो गई हैं, शाम होते ही सूरज टप्प से छुपने लगा है। यह आहट है शरद ऋतु के आगमन की और देश भर...

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Mahabodhi temple of Gaya UNESCO world heritage site

  बौद्ध गया एक अरसे के बाद एक ऐसे स्थान पर जाना हुआ कि दिल ख़ुश हो गया। महात्मा बुद्ध के प्रति विशेष सम्मान है।  इसीलिए...