Pondicherry_2015-33-of-48-960x636

Matrimandir

पांडिचेरी से 12 कि.मी. दूर स्थित ऑरोविल (इसे प्रातःकाल का शहर भी कहते हैं) एक ऐसा शहर है जहाँ विभिन्न राष्ट्रीयताएँ और संस्कृतियाँ मिलती हैं। यह शहर विभिन्न देशो से आए लोगों का घर है और यह सही अर्थों में एक अंतर्राष्ट्रीय शहर है। श्री अरबिन्दो  की साथी “दा मदर” ने एक ऐसे शहर की कल्पना की थी जिस पर कोई भी राष्ट्र अपना दावा ना कर सके, एक ऐसा शहर जो मानवता को समर्पित हो।

Auroville from Ariel view: Image Source www.auroville.org



 “माँ” नाम से अधिक प्रसिद्ध मीरा अल्फासा द्वारा स्थापित ऑरोविले  शहर का निर्माण 1968 में श्री अरबिंदो सोसायटी की एक परियोजना के रूप में शुरु किया गया था। इस शहर की स्थापना का आधार एक सार्वभौमिक स्थान बनाने का विचार था जहाँ सभी देशों और संस्कृतियों के पुरुषों और महिलाओं में सदभावना बनी रहे और विश्व प्रगति का सपना साकार हो सके।

ऑरोविल शहर में विभिन्न क्षेत्र सम्मिलित हैं जैसे- शांति क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, इंटरनेशनल ज़ोन, सांस्कृतिक क्षेत्र और ग्रीन बेल्ट। इस शहर का मुख्य आकर्षण है मातृमंदिर जो इसकी भव्यता के कारण सैलानियों को अपनी ओर खींचता है। मात्र मन्दिर सोने की गोल आकृतियों से बना एक गुम्बद है, जिसके अन्दर बैठ कर लोग ध्यान लगते हैं। पर्यटकों को अन्दर  जाने की इजाज़त नहीं है. मात्र मन्दिर में अन्दर जाने के लिए अलग से अनुमति लेनी होती है। आप जब ऑरोविल जाएं तो 10 मिनट की विडिओ फिल्म ज़रूर देखें जिससे आपको इस स्थान की अधिक जानकारी मिलेगी। 

Auro the swimming Beach near Pondicherry


यही नज़दीक में ऑरो बीच स्थित है, यह एक स्विमिंग बीच है। जो अपनी खूबसूरती के कारण यात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।


The Auro Beach a perfect beach for swimming


 

यहाँ कई बीच रिसोर्ट, गैस्ट हाउस और रेस्टोरेन्ट  भी मौजूद हैं। अगर आप ऐसे बीच पर जाना चाहते हैं जहाँ बहुत शान्ति हो तो सेरेनिटी बीच जाएं।

पॉन्डिचेरी क्योंकि कई सभ्यताओं  का संगम है इसलिए यहाँ खाने पीने की बड़ी वेरायटी मिलती है। शुद्ध दक्षिण भारतीय शाकाहारी भोजन से लेकर, चेट्टीनाड  मांसाहारी भोजन, उत्तर भारतीय भोजन और फ्रैंच फ़ूड सब कुछ मिल जाता है।जब आप यहाँ आएँ तो एक्टेसी कैफे का पिज़्ज़ा ज़रूर टेस्ट करें। पॉन्डिचेरी में बैकवाटर का मज़ा भी लिया जा सकता है।

KK@Auroville, Pondicherry

फिर मिलेंगे दोस्तों, भारत दर्शन में किसी नए शहर की यात्रा पर,तब तक खुश रहिये,और घूमते रहिये,
एक शेर मेरे जैसे घुमक्कड़ों को समर्पित 
“सैर कर दुनियाँ की ग़ाफ़िल ज़िन्दिगानी फिर कहाँ, ज़िन्दिगानी  गर रही तो नौजवानी फिर कहाँ “
आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त 
डा० कायनात क़ाज़ी 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here