बड़े सपने हमेशा देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने का जज़्बा हमेशा ज़िंदा रखना चाहिए। यह कहना है एक साठ साल के सरदारजी का जिनका नाम है अमरजीत चावला। लोग इन्हें प्यार से टर्बन ट्रैवेलर के नाम से भी पुकारते हैं। 

इन्होंने एक ऐसा कारनामा अंजाम दिया है जिसे सुन आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे। अमरजीत चावला ने 135 दिन में दिल्ली से लंदन तक की रोड यात्रा की है। इस यात्रा में उन्होंने 30 देश क्रॉस किए हैं। उनकी इस 40,000 किलोमीटर की साहसिक यात्रा का हाल उन्हीं की ज़ुबानी सुना डा० कायनात काज़ी ने। प्रस्तुत हैं उनकी बातचीत के कुछ अंश :

दिल्ली से लंदन तक रोड यात्रा करने का ख्याल मन में कब आया ?

यह एक सपना था जिसे मैंने 20 साल की उम्र में देखा था। और हर व्यवसायी परिवार की तरह तब मुझे ऐसी यात्रा करने की परमीशन अपने पिता से नहीं मिल सकी थी। मैं एक ट्रेवलर  की नज़र से  इस दुनिया को देखना चाहता था, अनुभव करना चाहता था। इसलिए यह सपना दिल में कहीं जमा बैठा था। जीवन गुज़र रहा था। पिता जी का व्यवसाय आगे बढ़ाया, शादी हुई, बच्चे हुए लेकिन यह यात्रा न हो सकी। लेकिन मैंने इस यात्रा को करने की उम्मीद नहीं छोड़ी और पैसे बचाता गया कि एक दिन मैं यह यात्रा ज़रूर करूँगा। अब साठ वर्ष की आयु में आकर मेरा यह सपना पूरा हुआ।

इस उम्र में इतनी लम्बी सड़क मार्ग से यात्रा करना मुश्किल नहीं हुआ ?

नहीं, जबकि मुझे कई स्वस्थ से जुडी समस्याएं हैं, जैसे स्लिप डिस्क, बढ़ा वज़न और लम्बे समय तक पैर लटका कर बैठने से पैरों में सूजन आ जाती है। लेकिन मैंने इन परेशानियों को किनारे कर अपनी यात्रा पुरे जोश से शुरू की और आप विश्वास करें कि मुझे पूरी यात्रा में कोई तकलीफ नहीं हुई।

आपने इस यात्रा के लिए विशेष तैयारी तो ज़रूर की होगी ? कुछ बताएं हमारे पाठकों को।

जी बिलकुल। ऐसी किसी भी यात्रा के लिए बहुत सारी प्लानिंग की ज़रूरत होती है। जैसे सबसे पहले तो आप अपने आप में यह स्पष्ट हों की आपकी यात्रा का उद्देश्य क्या है. उस आधार पर ही आप आगे की प्लानिंग करें। आपको अलग अलग देशों से गुजरने के लिए वीसा लेना होगा। आप को अपने कार के कस्टम किलरेंस के  लिए कारनेट परमीशन लेनी होगी। इंटरनेशनल ड्राइविंग लइसेंस लेना होगा। अपना और अपने व्हीकल का इंश्योरेंस लेना होगा। पूरी यात्रा में खर्च होने वाले वय का अनुमानित बजट रखना होगा। आप अपने साथ बहुत सारी करेंसी नहीं ले जा सकते इसके लिए आपको क्रेडिट कार्ड या फॉरेक्स कार्ड का प्रयोग करना होगा। हमने इस यात्रा को वन वे किया है। इस लिए लंदन से कार को वापस भारत भेजने के लिए शिपिंग का खर्चा भी जोड़ना ज़रूरी है।

एक बात मैं यहाँ ज़रूर कहना चाहूंगा कि आप अपनी कार की मरम्मत की बेसिक जानकारी ज़रूर रखते हों। इसके साथ एक टूल बॉक्स भी ज़रूर लेजाएं।  जितना हो सके कम से कम सामान साथ लेकर जाएं। सिर्फ ज़रूरी सामान साथ रखें। जैसे अपनी दवाइयां। जिसका प्रिस्क्रिप्शन भी साथ रखें।

An unbelievable road journey across 30 country in 135 days by a 60 years old traveller

इस पूरी यात्रा में कभी कोई बड़ी अड़चन सामने आई ?

नहीं यहाँ मैं ईश्वर को धन्यवाद दूंगा कि हमारी पूरी यात्रा में छोटी मोटी परेशानियों के अलावा कोई परेशानी नहीं हुई।  अब कार का टायर पंचर हो जाना तो यात्रा का हिस्सा है।

Indian Ambassdor to Rome . Ms. Reenat Sandhu

इस यात्रा में आपको बहुत सारे अनुभव हुए होंगे कोई यादगार अनुभव हमारे साथ साझा कीजिए ?

मुझे इस यात्रा में लोगों का बहुत सारा प्यार मिला। लोगों ने मुझे अपने घर मेहमान की तरह बुलाया। मेरा आदर सत्कार किया।  मैं जिन भी देशों में गया वहां के राजनायकों से मिला।  मेरा प्रेस और मिडिया के लोगों ने खुदे दिल से स्वागत किया। सभी लोगों ने मेरी कार पर ऑटोग्राफ दिए।

Arnold Schwarzenegger signing on the car

एक घटना मुझे याद आती है, मैं डेनमार्क में था और पेट्रोल पम्प पर खड़ा था वहां एक कार आकर रुकी। जिसमे एक माँ के साथ उसका पांच साल का बच्चा था वह मेरी कार देख कर बहुत खुश हुआ। मैंने उसे अपनी कार में अंदर बिठाया। तो बच्चा ख़ुशी से मुस्कुरा दिया जिसे देख उसकी माँ आँखों में आंसू आगये. उसने मुझे बताया की उसका बच्चा मेंटली चैलेंज्ड है और महीनों के बाद इतना खुश हुआ है। उस बच्चे की मुस्कान देख उसकी माँ के

आँखों में आंसू थे और मैं भी जज़्बाती हो गया था। वो एक ऐसा लम्हा था जब मुझे लगा की मेरी यात्रा सफल हुई।

इस साहसिक कारनामे को अंजाम देकर कैसा महसूस कर रहे हैं ?

मैं अपनी इस यात्रा में हज़ारों लोगों से मिला जिनमे बड़े से बड़े और साधारण से साधारण लोग शामिल थे। जहाँ मुझे माँ आनंद शीला जैसी महान हस्तियों से मिलने का मौक़ा मिला वहीँ मुझे गांव देहात के साधारण लेकिन प्रेम से भरे लोगों के साथ वक़्त गुज़ारना भी नसीब हुआ।
हम हमारी पूरी ज़िन्दगी पैसे कमाने में गुज़ार देते हैं और सोचते हैं कि जब ढ़ेर सारा पैसा आजाएगा तब मैं ख़ुद को रईस महसूस करूँगा। पर यह सच नहीं है। मैंने अपने एक्सपोर्ट बिज़नेस से खूब पैसा कमाया पर 60 वर्ष की आयु तक पहुँच कर महसूस किया कि जैसे कोई बड़ा काम ही नहीं किया और जीवन गुज़र गया।

सोचा !

कुछ ऐसा ज़रूर करूँगा कि लोग मेरे मरने के बाद भी मुझे याद करें। आज अपनी इस यात्रा को पूरा कर के मुझे इतनी ख़ुशी हो रही है। मैं खुद में इतना रईस महसूस कर रहा हूँ, कि मैं शब्दों में नहीं बयान कर सकता। मैं आज सच्चे मायनो में एक रईस आदमी हूँ। क्यूंकि मैंने जो कमाया है उसे कोई चुरा नहीं सकता। मेरे पास अनुभवों का खज़ाना है।

आप युवाओं को क्या सन्देश देना चाहेंगे ?

मैं सब लोगों से यही कहूंगा कि हम बेकार में ही अपने अंदर भय पाल कर बैठ जाते हैं और दुनिया देखने से डरते हैं। जबकि यह दुनिया बहुत खूबसूरत है। और अच्छे लोगों से भरी हुई है। जब मैं यह यात्रा शुरू कर रहा था तो मुझे भी बहुत लोगों ने डराया था। लेकिन यात्रा में ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसलिए सपने ज़रूर देखें और उन्हें पूरा करने की उम्मीद न छोड़ें।

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