हैरिटेज वॉक: फूल मंडी
जिंदिगी में ऐसा बहुत बार होता है कि हम दूर दराज़ की जगह तो देख आते हैं पर ऐसी कई देखने लायक जगह नज़दीक में ही होती हैं पर हम उनके टाइम ही नहीं निकाल पाते। या यूँ कहें की कभी सोचते ही नहीं की यहाँ भी कभी जाना चाहिए। ऐसी ही कुछ अनछुई जगहों पर मैं आपको लेकर चलूँगी। दिल्ली में ऐसे कई स्थान हैं. ये यात्रा हम हैरिटेज वॉक की तरह पूरी करेंगे। तो शुरुआत करते हैं सुबह सुबह लगने वाली फूल मण्डी से।
वैसे तो दिल्ली में ये फूल मण्डियां कई स्थानों पर लगा करती हैं जैसे ; चाँदनी चौक, बाबा खडग सिंह मार्ग , मेहरौली वगैरा। इन फूल मण्डियों में सबसे बड़ी मण्डी मेहरौली की मानी जाती थी।
पर अब इस मण्डी को मेहरौली से शिफ्ट कर दिया गया है। अब यह दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर ग़ाज़ीपुर में लगती है। चलिए रविवार की सुबह फूल मंडी में अनगिनत फूलों के साथ करते हैं।
फूलों का बिज़नस सुबह सुबह ही किया जाता है। इसलिए अगर आप फूल मण्डी हेरिटेज वॉक के लिए जा रहे हों तो सुबह जल्दी निकलें। सुबह के 8 -9 बजे तक तो मण्डी खाली हो जाती है।
यहाँ आप को हर वेराइटी का फूल मिल जाएगा वह भी थोक के दाम में। फिर चाहे वह देसी फूल हों या फिर इम्पोर्ट किये हुए। देसी गुलाब,कमल,चमेली ,मोगरा, गेंदा जैसे शुद्ध भारतीय और खुशबूदार फूल. या फिर इम्पोर्ट किये कार्नेशन,लिली,ऑर्किड, अन्थूरियम। सबकी अपनी अपनी ख़ासियत।
लोग फूलों को बोरी के बड़े बड़े गट्ठरों में बाँध कर मण्डी में बेचने आते हैं। फूलों का व्यापार करने वाले लोगों का पूरा परिवार इस काम से जुड़ा होता है।
यहाँ महिलाएँ और बच्चे मिल कर गेंदे की मालाएँ बनाते हैं। कुछ लोग शादी की मालाएँ बनाने का काम करते हैं। शहर भर के फूल बेचने वाले साइकिलों और स्कूटरों पर रोज़ के बिकने वाले फूल यहीं से लेकर जाते हैं।
यहाँ के लोग मिलनसार हैं,वो आपको गरमा गरम चाय ऑफर करते हैं। एक बार फूल मण्डी ज़रूर जाएँ, हम ज़िन्दिगी में बड़ी बड़ी चीज़ों में खुशियाँ तलाशते हैं। कभी छोटी छोटी चीज़ों में खुशियाँ ढूंढ कर देखिये। मुझे विश्वास है कि आप का सन्डे इतना खुशगवार पहले कभी नहीं गुज़रा होगा
फिर मिलेंगे दोस्तों ,ज़िन्दगी के कुछ और रंगों के साथ
तबतक ऐसे ही घूमते रहिये और ख़ुश रहिये
आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त
डा० कायनात क़ाज़ी