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बैकवाटर का मज़ा पॉन्डिचेरी के पैराडाइज़ बीच पर


कौन कहता है कि बैकवॉटर का मज़ा केवल केरल में ही लिया जा सकता है। आपको यह अनुभव पॉन्डिचेरी में भी मिल सकता है।इसके लिए आपको नज़दीक ही पैराडाइज़ बीच पर जाना होगा। बंगाल की खाड़ी से लगा  यह एक ऐसा बीच है जोकि समुद्र के अंदर है। आपको यहां तक पहुँचने के लिए फेरी से जाना पड़ेगा। 
Boat Stand @ Paradise Beach
 ऐसा बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस बीच का नाम ‘चुनामबर बीच’ है लेकिन यहां की ख़ूबसूरती को देख कर इसका नाम पैराडाइज़ बीच पड़ा। जितना शांत यह बीच है उतनी ही सुन्दर इस तक पहुंचने की यात्रा है।
 
Back water@ Paradise Beachछोटी बड़ी बोट सैलानियों को स्टैण्ड से बिठाती हैं और बीच तक छोड़ती हैं  में यही  बोट्स वापस भी लाती हैं। स्टैण्ड से बीच तक का रास्ता बहुत सुन्दर है। नीला आसमान और साफ स्वच्छ पानी आपका मन मोह लेंगे। बैक वॉटर के दोनों और नारियल के झाड़ आपका स्वागत करेंगे।  कहते हैं पॉन्डिचेरी आकर अगर पैराडाइज़ बीच नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा। 
blissful-and-serene-paradise-beach-Pondicherry
 फेरी से लगभग 15 मिनट में आप पैराडाइज़ बीच तक पहुंच जाते हैं। फेरी स्टैण्ड के पास  रेस्टॉरेंट भी हैं आप यहां ठहर कर गर्मागरम कॉफी का मज़ा ले सकते हैं। 
Paradise-beach-Pondicherry
शहर से 8 किलोमीटर दूर  पैराडाइज़ बीच  जमीन की  एक सूखी पट्टी है जिसके चारों ओर पानी है। साफ सुन्दर बीच अपने में समेटे हुए है कई सारी खूबियां, जैसे यहां रेस्टॉरेंट में आप सी फ़ूड का मज़ा ले सकते हैं। 
 
Back waters @ Paradise Beach
 
अगर आप समुद्र की लहरों में अटखेलियां करना चाहें तो उसका भी इंतिज़ाम है। लेकिन एक जोड़ी एक्स्ट्रा कपड़े लेजाना न भूलें। यहां चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था है। यहां की रेत सुनहरी और पानी नीला है। 

Sun & Sand @ Paradise Beach 
 
Place to rest @ Paradise Beach 


Paradise Beach 
 
 
यहां पानी का बहाव थोड़ा  शांत है इसलिए बच्चों के खेलने के लिए यह एक उत्तम बीच है। 
 
Paradise Beach 
 
यहां क़तार में बिछी सफ़ेद रंग की बेंचें आपके रिलेक्स होने के लिए ही रखी गई हैं। इस बीच तक पहुंचने के लिए फेरी सर्विस है जोकि सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक रहती है। पर ध्यान रहे कि यह सर्विस मानसून के महीनों में बंद कर दी जाती है। 

KK @ Paradise Beach 
फिर मिलेंगे दोस्तों, भारत दर्शन में किसी नए शहर की यात्रा पर,तब तक खुश रहिये,और घूमते रहिये,एक शेर मेरे जैसे घुमक्कड़ों को समर्पित “सैर कर दुनियाँ की ग़ाफ़िल ज़िन्दिगानी फिर कहाँ, 
ज़िन्दिगानी  गर रही तो नौजवानी फिर कहाँ “

आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त डा० कायनात क़ाज़ी 
 

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