Amsterdam-city-Holland-KaynatKazi-Photography-2016-7-of-22

Amsterdam-city-Holland-KaynatKazi-Photography-2016-1-of-36एमस्टर्डम सही माइनों में एक अन्तर्राष्ट्रीय शहर है, यह यूरोप मे स्थित देश नीदरलैंड की राजधानी है, जिसका एक वैभवशाली इतिहास रहा है। एमस्टर्डम  आधुनिक और प्राचीन धरोहर का संगम है, जहाँ एक ओर उँची-उँची इमारतें हैं वहीं युनेसको की विश्व धरोहर-कैनाल रिंग भी यहाँ मौजूद हैं। सन् 2010 में युनेसको ने इसे विश्व धरोहर की सूची(UNESCO World Heritage List) मे शामिल किया Seventeenth-Century Canal Ring Area of Amsterdam। एमस्टर्डम  को यह खिताब मिला अपनी प्राचीनतम कैनाल रिंग के लिए। जिसके लिए एमस्टर्डम को उत्तरी यूरोप का वेनिस भी माना जाता है। यह कैनाल रिंग अपने मे बहुत अद्भुत हैं। यह 100 किलोमीटर मे फैली हुईं हैं।

एमस्टर्डम 12वी शताब्दी मे विश्व मानचित्र पर एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था। यहाँ समुद्र मार्ग से बड़े निर्यात किए जाते थे। यहाँ अन्य व्यापारों के साथ-साथ हीरों का व्यापार भी किया जाता था। यह एक पोर्ट सिटी रहा है इसलिए व्यापार का केंद बना और व्यापार को और बेहतर बनाना में कैनाल रिंग ने मुख्य भूमिका निभाई। इस शहर ने पूरी दुनियां के लोगों को अपनी और आकर्षित किया है। आज यहाँ कई आकर्षण के केंद्र हैं जैसे इस जगह को संग्रहालयों का शहर भी कहा जाता है। मैडम तुसाद संग्रहालय भी यहीं स्थित है। यह जगह मशहूर है, वैभव कालीन एतिहासिक इमारतों, संग्रहालयों, जुएखानों, रेड लाईट एरिया और कैफे के लिए। यही कारण है की एमस्टर्डम खुले दिल से दुनियाँ के किसी भी कोने से आए लोगों का गर्मजोशी से स्वागत करता है।

Amsterdam city-Holland-KaynatKazi Photography-2016 (7 of 22)

कैनाल रिंग है खास:

कैनाल रिंग का निर्माण सत्रहवीं शताब्दी में हुआ। इसमें लगभग 90 आईलैंड हैं और 1500 ब्रिज। यह शहर अर्बन प्लॅनिंग का शाहकार है। इसे डच साम्राज्य के गोलडन ईरा में बनाया गया था। यह उस समय की बहुत बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजना थी। यहाँ मुख्य रूप से तीन कैनाल हैं। (Herengracht, Prinsengracht, और Keizersgracht) इन मुख्य कैनालों में एक राजा की कैनाल Keizersgracht है, दूसरी कैनाल (Prinsengracht) राजकुमार की है और तीसरी कैनाल (Herengracht) अभिजात वर्ग से सम्बंधित लोगों जैसे मुख्य दरबारी और बड़े व्यापारी। इन कैनालों के किनारे-किनारे खूबसूरत घर बनाए गए जोकि आज भी क़ायम हैं और एमस्टरडम की पहचान के रूप में जाने जाते हैं।

एमस्टर्डम का नाम कैसे पड़ा?

क्या कोई सोच सकता है कि एक बेहतरीन शहर आम्सटरडॅम के बसने की वजह एक बाढ़ रही होगी, जी हाँ सन् 1170 मे अमएस्टेल नदी मे एक भीषण बाद आई और अपने साथ बहुत कुछ बहा कर ले गई तब यहाँ के लोगों ने उस बाढ़ से सबक़ लिया और सन् 1173 मे अमएस्टेल नदी पर एक बाँध बनाया। इस तरहां अमएस्टेल नदी पर बना एक डैम और इस जगह को नाम मिला अमएस्टर+डैम। “अमस्टर्डम” कभी यह नाम मछवारों के एक छोटे से गाँव का हुआ करता था। आज यह एक खूबसूरत शहर है। इस शहर की खूबसूरती के बारे में लिखने से ज़्यादा देखना दिलचस्प होगा। तो आइए और मेरे साथ चलिए यूरोप की यात्रा पर..

इस शहर में कुछ बात है, यह बहुत अपना-सा जान पड़ता है। यहाँ के लोग मिलनसार हैं। आप किसी से भी पता पूछिए वह आपकी पूरी सहायता करेगा और अगर उसे नहीं मालूम होगा तो बड़ी विनम्रता से माफ़ी मांग लेगा।

टिप्स

  • इस शहर को देखने के लिए सबसे अच्छा साधन है ट्राम, अगर आप एम्स्टर्डम घूमने जाना चाहते हैं तो यहाँ पब्लिक ट्रांसपोर्ट बहुत अच्छा है। ट्राम में कहीं भी जाने के लिए आपको 2.90 यूरो खरचने होते हैं। यह एक टिकट की क़ीमत है, मेरी सलाह है कि आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट का पास पहले से ही ले लें. तो काफी बचत की जा सकती है। अगर आप इसके लिए अमस्टर्डम की अधिकारिक वेबसाइट http://www.iamsterdam.com/

 से जाकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का पास “आई एमस्टरडम सिटी कार्ड” ले लें। वैसे इसे काउंटर से भी ख़रीदा जा सकता है। iamsterdam के काउंटर एयरपोर्ट और सिटी सेंटर रेलवे स्टेशन पर बने हुए हैं। यह आपकी ज़रूरत के हिसाब से 24 घण्टे या 48 या 72 घण्टे की वेलिडिटी के साथ मिलते हैं। इस पास द्वारा आप ट्राम, बस और बोट का अनलिमिटेड प्रयोग कर सकते हैं।IMG_2307

  • आई एमस्टरडम सिटी कार्ड से आप लोकल ट्रांसपोर्ट का तो अनलिमिटेड प्रयोग कर पाएंगे साथ ही एम्स्टर्डम के बेस्ट म्यूज़ियमस में भी फ्री एंट्री मिल पाएगी। इस कार्ड द्वारा आप एक घंटे की फ्री कैनाल क्रूज़ राइड भी ले सकते हैं।
  • और हाँ एक और ज़रूरी बात अगर आपको साईकिल चलाना नहीं आती तो एम्स्टर्डम जाने से पहले ज़रूर सिख लें, क्योंकि यह शहर साईकिल से सबसे अच्छी तरह घूमा जा सकता है। यहाँ साईकिल के लिए अलग से पथ बने हुए हैं जिनकी लम्बाई लगभग 400 किलोमीटर की है। कैनाल के सहारे सहारे मून लाइट में साइकिलिंग करने का अपना अलग आनन्द है।

यूरोप डायरी के पन्नों से कुछ और क़िस्से आपके साथ साझा करुँगी अगली पोस्ट में।

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तब तक खुश रहिये और घूमते रहिये

आपकी हमसफ़र आपकी दोस्त

डा० कायनात क़ाज़ी

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